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राष्ट्र के पुनः उद्भव काल में युवा आंदोलन पर विमर्श
“NRC हमारी बहुत बड़ी गलती है?” असम में अवैध आप्रवासियों के विरुद्ध All Assam Student Union (AASU) के आंदोलन को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का समर्थन था। मुझे विद्यार्थी परिषद् की नीमच ईकाई के मंत्री का दायित्व था। मैं उन दिनों मंदसौर कॉलेज से M.Sc.(Physics) कर रहा था। असम आंदोलन के साथ अपनी solidarity show…
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बिरजू को भागने मत देना!
“शिक्षक को उसकी छड़ी लौटा दीजिए; शिक्षक देश में अनुशासन लौटा देगा!” आज विश्व शिक्षक दिवस पर सोशल मीडिया पर यह पोस्ट देख, कमला का बिरजू दिमाग़ में कौंध गया! मास्टरजी की मार से बचकर स्कूल से भागा बिरजू आगे चल कर डाकू बना और अंततः अपनी माँ के ही हाथों चली बंदूक की गोली…
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Touch is the Password
If humans had taglines, what would yours be? Touch my heart or impress my brain to get in and have me!
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कोढ़ में खाज
नहीं, नहीं…..“लाली” के कृत्य का समर्थन नहीं कर रहा हूँ; लेकिन एक सवाल परेशान कर रहा है……. लाली भी तो हिंदुस्तान का एक आम आदमी है और शायद अरविंदजी से ज्यादा ही “आम” है। फिर स्वयं को अन्य सभी से इतर और श्रेष्ठ मानने वाले और नई वैकल्पिक राजनीति के सूत्रधार होने का दंभ पालने…
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Call a SPADE a SPADE!
सम्यक सोच रखने वाले सभी देवियों और सज्जनों से करबद्ध आग्रह है कि JNU Hostels में प्रस्तावित शुल्क वृद्धि के विरोध में कथित विद्यार्थियों द्वारा प्रर्दशन के नाम पर की गई गुण्डागर्दी की कठोर से कठोर शब्दों में भर्त्सना करें! हमने भी स्कूल के दिनों से छात्र- राजनीति में सक्रिय सहभागिता की है। सम्पूर्ण छात्र…
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हद अपनी बाँध ली, जग भया बिराना
पद्मश्री प्रह्लाद सिंह जी टिपाणिया मालवी लोकगायन शैली में संत कबीर के भजन गाते हैं और वल्लाह, क्या खूब गाते हैं! मुझे तो जब भी उनके गायन के प्रत्यक्ष श्रवण का सौभाग्य हुआ है, अश्रु धारा ने उनके स्वर संगीत से जुगलबंदी की है! उनकी बाकमाल गायकी की बदौलत, सीधी दिल में उतरती जाती है..…
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जागो ग्राहक जागो
“फैशन के दौर में गारण्टी की इच्छा न करें!”कस्बाई शहरों की दुकानों पर लिखी देखी ये पंक्तियां, बदलती निष्ठाओं के दौर में बरबस याद आती रहती है! अकादमिक जगत के सुप्रसिद्ध प्रतिष्ठान हों, मीडिया या राजनीति के अखाड़े हों गोया कि सार्वजनिक जीवन का कोई भी क्षेत्र हो; दीवार पर लिखी इबारत सी यह हक़ीक़त…
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शबरी के राम और मार्जरी भक्ति
राम जनम के हेतु अनेका। परम बिचित्र एक ते एका॥ महर्षि मतंग जब देवलोक जाने लगे, तब शबरी ने भी साथ जाने की हठ ठान ली। मात्र दस वर्ष की वह कन्या, महर्षि मतंग का हाथ पकड़ कर रोने लगी। शबरी को रोते देख महर्षि व्याकुल हो उठे। शबरी को समझाया “पुत्री इस आश्रम में…
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रवीश कुमार के नाम
“मजबूरी का नाम महात्मा गाँधी” मुहावरा बचपन से सुनते आ रहे हैं, उसका अच्छा उदाहरण पेश किया है रवीश ने! बापू को सुविधानुकूल उद्धृत (selective quote) करने में कोई नहीं चूकता; फ़िर रवीश कुमार तो इतना मँझे हुए हैं कि सयाने शातिर की श्रेणी के सिरमौर की लड़ाई में अरविन्द केजरीवाल को तगड़ी चुनौती दे…
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बरखा बैरन नहीं है साहब!
साहब ये अखबार में बारिश को आफत क्यों लिखा है? हम तो कब से बरखा की बाट जोह रहे थे! बात तो सोचने की है! शहर के बाबू लोग ख़ुद के फैलाए कचरे को नजरंदाज करके बरखा रानी को अपने कष्टों का कारण कहते हैं बहुत ही बुरा लगता है! तकलीफों के असली जिम्मेदार और…
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महाभारत में मर्यादा
मर्यादाओं के तार-तार होने की महागाथा है महाभारत किन्तु उभय पक्ष के उदात्त चरित्रों की आभा, इस गहन अंधकार में भी दामिनी सी दमक जाती है। सत्ता के मोहपाश में जकड़े महाराज धृतराष्ट्र, उद्दण्ड युवराज दुर्योधन और कुटिल शकुनि वाले कौरव पक्ष में भी कुछ जगमगाते नक्षत्र हैं! महाभारत युद्ध के 10वें दिन, अर्जुन के…
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माँ-बाप से प्यार करना बड़ी कठिन यात्रा है!
सभी माँ-बाप अपने बच्चों को प्रेम देते हैं, वह सहज बात है। उसके लिए मनुष्य होना भी जरूरी नहीं है, पशु भी अपने बच्चे उतना ही प्रेम करते हैं। माँ-बाप से बच्चे की तरफ प्रेम का बहना वह प्राकृतिक है। उसमे माँ-बाप का अपना कुछ नहीं है! बच्चे माँ-बाप को प्रेम दें, वह प्राकृतिक नहीं…
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कुत्ते से सावधान
दोग़ले दो बार सोच लें,द्वार पे दस्तक देने से पहले! ये तख़्ती,संभ्रांतता का सुब़ूत देने के लिए पाले गए,किसी ख़ास नस्ल के पालतू के लिए नहीं है!ये उस खालिस खड़ूस के लिए है जो इस दरवाजे के पीछे रहता है! ख़बरदार!न सिर्फ भौंकेगा, गुर्ऱाएगा बल्कि काट भी सकता है,क़मीनेपन के हाथों पे मक्क़ारी के मख़मली…